जो तस्वीर सजाई थी तेरी इन आंखों में हर पल कोई निकाल नहीं सकता उन यादों को आज तक! जो तस्वीर सजाई थी तेरी इन आंखों में हर पल कोई निकाल नहीं सकता उन यादों को आज ...
उसे "वो" दिखाई दे रहा है उसे "वो" दिखाई दे रहा है
मैं बंद कर दूँगा कोशिशें उन निर्मम स्मृतियों से भागने की तब शायद आओगी तुम और दे जाओगी कुछ और स्मृतिय... मैं बंद कर दूँगा कोशिशें उन निर्मम स्मृतियों से भागने की तब शायद आओगी तुम और दे ...
क्यों होता है क्यों होता है
बस मेरी एक ही आख़री तमन्ना है इस देश के लिये मुझे कुछ करना है बस मेरी एक ही आख़री तमन्ना है इस देश के लिये मुझे कुछ करना है
मैं भी भारत तू भी भारत, मैं और तुम में सिमटता भारत, मैं भी भारत तू भी भारत, मैं और तुम में सिमटता भारत,